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रत्न, रुद्राक्ष, प्रश्न कुंडली, राशि, लग्न और जन्म नक्षत्र जैसी ज्योतिषीय जानकारी

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पुखराज

पुखराज रत्न, जिसे पीला नीलम भी कहा जाता है, ज्योतिष में एक शुभ रत्न माना जाता है। यह बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे धारण करने से कई लाभ बताए गए हैं।  पुखराज रत्न के फायदे:  विवाह और रिश्ते: पुखराज रत्न वैवाहिक जीवन में सुख और शांति लाने वाला माना जाता है।  आध्यात्मिक उन्नति: यह रत्न आध्यात्मिक विकास और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने में भी सहायक माना जाता है।  कैरियर और व्यवसाय: पुखराज रत्न करियर और व्यवसाय में सफलता दिलाने में भी सहायक हो सकता है।  सकारात्मकता: पुखराज रत्न पहनने वाले व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद करता है।  आर्थिक समृद्धि और धन: पुखराज रत्न को धन और समृद्धि को आकर्षित करने वाला माना जाता है।  मान-सम्मान और प्रतिष्ठा: इसे पहनने से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।  बुद्धि और शिक्षा: पुखराज रत्न शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि करने में सहायक माना जाता है।  स्वास्थ्य: कुछ लोगों का मानना है कि पुखराज रत्न स्वास्थ्य, विशेषकर पाचन और लीवर से संबंधित समस्याओं में फायदेमंद होता है।  ध्यान दें: पुखराज रत्न धारण करने से पहले, अपनी कुंडली की जांच करवाएं और किसी ज्योतिषी से सलाह लें कि क्या यह रत्न आपके लिए सही है। उद्देश्य: सोने की अंगूठी के साथ तर्जनी उंगली में धारण करें, समृद्धि, संपूर्णता, शिक्षा, सफलता, संतान एवं दिव्यता    

मोती

मोती रत्न, जिसे Pearl भी कहा जाता है, कई लाभ प्रदान करता है, खासकर मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए। यह मन को शांत करने, तनाव और चिंता को कम करने, आत्मविश्वास बढ़ाने, और रिश्तों में सद्भाव लाने में मदद करता है। मोती रत्न चंद्रमा से जुड़ा है, इसलिए यह जन्म कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करता है और नींद में सुधार करता है।  मोती रत्न के मुख्य फायदे: आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा: मोती रत्न पहनने से आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। यह व्यक्ति को मजबूत बनाता है और उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।  रिश्तों में सद्भाव: मोती रत्न रिश्तों में सद्भाव और प्रेम लाता है। यह पारिवारिक बंधन और भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देता है।  नींद में सुधार: मोती रत्न नींद में सुधार करता है और बुरे सपनों को दूर करता है। यह अनिद्रा और बेचैन नींद वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।  आर्थिक लाभ: मोती रत्न आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी मदद करता है। यह धन और समृद्धि को आकर्षित करता है।  अन्य लाभ: मोती रत्न पाचन में सुधार, त्वचा की चमक, और हार्मोनल संतुलन में भी मदद करता है।  मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन: मोती रत्न मन को शांत करता है और भावनाओं को संतुलित करता है। यह तनाव, चिंता, और अवसाद जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है।  मोती रत्न पहनने के ज्योतिषीय लाभ: चंद्रमा को मजबूत करना: मोती रत्न जन्म कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करता है। भाग्य और धन को आकर्षित करना: मोती रत्न भाग्य और धन को आकर्षित करता है। बुद्धि और स्मृति में सुधार: मोती रत्न बुद्धि और स्मृति को बढ़ाता है।  मोती रत्न किसे पहनना चाहिए? जिन लोगों को मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन की आवश्यकता है।  जिन लोगों को तनाव और चिंता की समस्या है।  जिन लोगों को नींद की समस्या है।  जिन लोगों को आत्मविश्वास की कमी है।  जिन लोगों को रिश्तों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।  जिन लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।  कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों के लिए मोती रत्न विशेष रूप से फायदेमंद है।  मोती रत्न पहनने की विधि: मोती रत्न को हमेशा चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए।  इसे शुक्ल पक्ष के सोमवार को धारण करना शुभ माना जाता है।  इसे कनिष्ठा उंगली (छोटी उंगली) में पहनना चाहिए।  मोती रत्न के नुकसान: मोती रत्न को बिना ज्योतिषी की सलाह के नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में, यह गंभीर अवसाद और तनाव का कारण बन सकता है।  निष्कर्ष: मोती रत्न एक शक्तिशाली रत्न है जो कई लाभ प्रदान करता है, खासकर मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए। यदि आप मोती रत्न पहनने पर विचार कर रहे हैं, तो कृपया किसी ज्योतिषी से सलाह लें। उद्देश्य: वैवाहिक जीवन में ख़ुशहाली, पवित्रता, शांति एवं आध्यात्मिकता पाने के लिए कैसे धारण करें: चाँदी की अगूठी के साथ दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में पहनें  

पन्ना

पन्ना रत्न, जिसे अंग्रेजी में एमराल्ड भी कहा जाता है, ज्योतिष में बुध ग्रह से संबंधित है। यह रत्न बुद्धि, स्मरण शक्ति, संचार कौशल, और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। इसके अलावा, पन्ना रत्न आर्थिक स्थिति में सुधार, करियर में तरक्की, और त्वचा रोगों में भी लाभ पहुंचाता है।  पन्ना रत्न के फायदे: आत्मविश्वास में वृद्धि: यह रत्न आत्मविश्वास को बढ़ाता है और आपको अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने में मदद करता है।  स्वास्थ्य लाभ: पन्ना रत्न को आंखों के लिए अच्छा माना जाता है, और यह त्वचा रोगों और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं में भी लाभ पहुंचाता है।  रिश्तों में सुधार: पन्ना रत्न पहनने से रिश्तों में सुधार होता है और प्रेम और सद्भाव बढ़ता है।  एकाग्रता में वृद्धि: यह रत्न एकाग्रता में सुधार करता है, जो छात्रों और उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है।  वित्तीय स्थिरता: पन्ना रत्न वित्तीय स्थिरता और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद करता है।  बुद्धि और स्मरण शक्ति: पन्ना रत्न पहनने से बुद्धि और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।  संचार कौशल: यह रत्न संचार कौशल को बेहतर बनाता है, जिससे व्यक्ति दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से बातचीत कर पाता है।  आर्थिक लाभ: पन्ना रत्न व्यापार और व्यवसाय में सफलता दिलाने में मदद करता है और धन लाभ के नए अवसर पैदा करता है।  मानसिक शांति: यह रत्न मन को शांत रखता है और तनाव और चिंता को कम करता है।  पन्ना रत्न किसे पहनना चाहिए: जिनकी कुंडली में बुध कमजोर है: यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है, तो पन्ना रत्न आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।  छात्र: पन्ना रत्न छात्रों को पढ़ाई में बेहतर ध्यान केंद्रित करने और सीखने में मदद करता है।  व्यापारी: यह रत्न व्यापारियों और व्यवसाय से जुड़े लोगों को सफलता और धन लाभ दिलाने में मदद करता है।  जिनकी वाणी में दोष है: पन्ना रत्न वाणी दोष को दूर करने और बोलने की कला में सुधार करने में मदद करता है।  जिनकी त्वचा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं: यह रत्न त्वचा रोगों और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं में लाभ पहुंचाता है।  जिनकी स्मरण शक्ति कमजोर है: पन्ना रत्न स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।  पन्ना रत्न पहनने के नियम: राशि के अनुसार: पन्ना रत्न को राशि के अनुसार पहनना चाहिए।  उंगली: पन्ना रत्न को आमतौर पर दाहिने हाथ की छोटी उंगली (कनिष्ठा) में पहना जाता है।  धातु: इसे सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनना चाहिए।  शुभ दिन: पन्ना रत्न को बुधवार के दिन पहनना शुभ माना जाता है।  पन्ना रत्न के नुकसान: पन्ना रत्न के आमतौर पर कोई नुकसान नहीं होते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इसे पहनने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।  गलत रत्न: यदि आप गलत रत्न पहनते हैं, तो यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है।  असली रत्न: नकली पन्ना रत्न पहनने से भी नुकसान हो सकता है।  गलत विधि: गलत तरीके से पन्ना रत्न पहनने से भी नुकसान हो सकता है।  इसलिए, पन्ना रत्न पहनने से पहले, किसी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है।  उद्देश्य: व्यवसाय/कार्य में तरक्की पाने और गर्भवती महिला की सुरक्षा के लिए कैसे धारण करें: सोने/चांदी की अंगूठी के साथ दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में धारण करें  

मूंगा

मूंगा रत्न, जिसे अंग्रेजी में रेड कोरल (Red Coral) कहा जाता है, एक शक्तिशाली रत्न है जो मंगल ग्रह से संबंधित है। यह रत्न साहस, जीवन शक्ति और नेतृत्व गुणों को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, मूंगा रत्न कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है, जैसे रक्त संचार में सुधार, मानसिक स्थिरता और पाचन तंत्र की समस्याओं में राहत।  मूंगा रत्न के ज्योतिषीय लाभ: धन-संपत्ति में वृद्धि: मूंगा रत्न धन और संपत्ति में वृद्धि करने में सहायक होता है।  आत्मविश्वास में वृद्धि: यह रत्न आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाता है।  शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: मूंगा रत्न रक्त संचार में सुधार करता है, पाचन तंत्र को मजबूत करता है, और तनाव, चिंता, और अवसाद को कम करता है।  अन्य लाभ: मूंगा रत्न छात्रों के लिए भी फायदेमंद होता है, क्योंकि यह एकाग्रता और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।  मंगल दोष से राहत: मूंगा रत्न मंगल दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करता है।  शत्रुओं से रक्षा: यह रत्न शत्रुओं से रक्षा करता है और मनोबल को बढ़ाता है।  मूंगा रत्न के स्वास्थ्य लाभ: रक्त संचार: मूंगा रक्त संचार को बेहतर बनाने और रक्त की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।  पाचन तंत्र: यह रत्न पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पाचन संबंधी समस्याओं को कम करता है।  प्रतिरक्षा प्रणाली: मूंगा रत्न प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होता है।  मानसिक स्वास्थ्य: मूंगा रत्न मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव, चिंता, और अवसाद को कम करता है।  त्वचा: यह रत्न त्वचा की चमक बढ़ाने और त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है।  मूंगा रत्न धारण करने के लाभ:  साहस और आत्मविश्वास: मूंगा रत्न पहनने से व्यक्ति में साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है। निर्णय लेने की क्षमता: यह रत्न निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है। सफलता: मूंगा रत्न सफलता प्राप्ति में सहायक होता है, खासकर कानूनी मामलों और व्यापार में। शारीरिक स्वास्थ्य: यह रत्न शारीरिक कमजोरी, रक्त विकार, और थकान जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। रिश्तों में सुधार: मूंगा रत्न रिश्तों में सामंजस्य लाता है और विवाह में देरी या समस्याओं को कम करता है।  मूंगा रत्न धारण करने के नियम:  मूंगा रत्न को हमेशा 18 कैरेट सोने या पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर पहनना चाहिए।  इसे रविवार के दिन, सूर्योदय के समय, अनामिका उंगली (रिंग फिंगर) में पहनना शुभ माना जाता है।  मूंगा रत्न को धारण करने से पहले, इसे गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करना चाहिए।  मूंगा रत्न को धारण करने से पहले, किसी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होता है।  

जरकन/ अमेरिकन डायमंड

जरकन या अमेरिकन डायमंड, जिसे उपरत्न माना जाता है, पहनने से शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है और यह रत्न आर्थिक स्थिति, मानसिक शांति, और सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार करने में मदद करता है. यह रत्न रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है.  जरकन रत्न के फायदे: शुक्र ग्रह के दुष्प्रभाव को कम करता है: जरकन रत्न शुक्र ग्रह से संबंधित है और इसे पहनने से शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है.  आर्थिक स्थिति में सुधार: जरकन रत्न धन, समृद्धि और ऐश्वर्य में वृद्धि करने में सहायक माना जाता है, ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार.  मानसिक शांति: जरकन रत्न पहनने से मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, कुछ ज्योतिषीय स्रोतों के अनुसार.  सामाजिक प्रतिष्ठा: जरकन रत्न पहनने से व्यक्ति की समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है और उसे सम्मान मिलता है, ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार.  वैवाहिक सुख: जरकन रत्न पति-पत्नी के बीच प्रेम और आपसी समझ को बढ़ावा देता है, ज्योतिषीय स्रोतों के अनुसार.  कैरियर में सफलता: यह रत्न कला, फैशन, अभिनय, लेखन, संगीत और डिजाइनिंग जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता दिलाने में मदद करता है.  भाग्य का साथ: जरकन रत्न पहनने से भाग्य का साथ मिलता है और व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है.  जरकन रत्न धारण करने के नियम: जरकन रत्न को शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन, संध्या के समय, चांदी या पंचधातु की अंगूठी में धारण करना चाहिए.  अंगूठी पहनने से पहले, इसे दूध और गंगाजल से धोकर, शुक्र मंत्र "द्रां द्रीं द्रौं स:शुक्राय नम:" का 108 बार जाप करना चाहिए.  जरकन रत्न किसे पहनना चाहिए? जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है, उन्हें जरकन रत्न पहनना चाहिए.  तुला और वृषभ राशि के जातकों के लिए यह रत्न विशेष रूप से शुभ माना जाता है.  जिन लोगों का विवाह होने में बाधा आ रही है, उन्हें भी जरकन रत्न पहनने की सलाह दी जाती है.  कर्क, कन्या, मिथुन, कुंभ और मकर राशि के जातकों को भी जरकन रत्न पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करना चाहिए.   

नीलम

नीलम (नीलम रत्न) एक शक्तिशाली रत्न है जो कई लाभ प्रदान करता है, खासकर ज्योतिष और स्वास्थ्य के क्षेत्र में। यह शनि ग्रह से जुड़ा है और माना जाता है कि यह पहनने वाले को शनि के बुरे प्रभावों से बचाता है।  नीलम रत्न के फायदे: शनि ग्रह के बुरे प्रभावों से सुरक्षा: नीलम रत्न शनि ग्रह के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद करता है.  धन और समृद्धि: यह रत्न धन, समृद्धि और वित्तीय स्थिरता में वृद्धि करने में सहायक माना जाता है.  मानसिक शांति: नीलम रत्न मानसिक शांति, स्पष्टता और एकाग्रता प्रदान करता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है.  स्वास्थ्य लाभ: यह रत्न शारीरिक स्वास्थ्य, विशेष रूप से हड्डियों, जोड़ों और पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद माना जाता है.  सफलता और करियर: नीलम रत्न करियर, शिक्षा और सफलता में वृद्धि करने में मदद करता है.  सुरक्षा: यह रत्न बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा और शत्रुता से सुरक्षा प्रदान करता है.  आत्मविश्वास और साहस: नीलम रत्न आत्मविश्वास, साहस और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है.  अन्य लाभ: नीलम रत्न अनिद्रा, आलस्य और नकारात्मक विचारों को दूर करने में भी मदद करता है.  त्वचा रोगों में लाभ: कुछ लोगों का मानना है कि नीलम रत्न त्वचा रोगों, जैसे कि एक्जिमा और एलर्जी में भी फायदेमंद होता है नेत्र ज्योति में सुधार: नीलम रत्न आंखों की रोशनी में सुधार करने और दृष्टि संबंधी समस्याओं में राहत देने के लिए भी जाना जाता है  ध्यान दें: नीलम रत्न को किसी ज्योतिषी की सलाह के बिना नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह कुछ लोगों के लिए प्रतिकूल भी हो सकता है. 

माणिक्य

माणिक्य रत्न, जिसे रूबी भी कहा जाता है, ज्योतिष में सूर्य का रत्न माना जाता है। यह रत्न आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा, माणिक्य रत्न पहनने से मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, और करियर में सफलता मिलती है।  माणिक्य रत्न के कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं: आर्थिक लाभ: माणिक्य रत्न आकस्मिक धन लाभ और व्यापार में लाभ कमाने में भी मदद करता है।  स्वास्थ्य लाभ: माणिक्य रत्न हृदय रोग, आंखों के रोग और पित्त विकार से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।  सकारात्मक सोच: माणिक्य रत्न पहनने से सकारात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है, जिससे जीवन में खुशी, प्रेम और सद्भाव बढ़ता है।  शारीरिक ऊर्जा: माणिक्य रत्न शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाता है और थकान को कम करता है।  संबंधों में सुधार: माणिक्य रत्न विवाहित जोड़ों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, यह जुनून को फिर से जगाता है और गलतफहमियों को ठीक करने में मदद करता है।  आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान में वृद्धि: माणिक्य रत्न पहनने से व्यक्ति में आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान बढ़ता है, जिससे वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित होता है।  नेतृत्व क्षमता: माणिक्य रत्न पहनने से व्यक्ति में नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं, जिससे वह एक अच्छा नेता बन सकता है और दूसरों को प्रेरित कर सकता है।  मान-सम्मान और प्रतिष्ठा: माणिक्य रत्न पहनने से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।  करियर और व्यवसाय में सफलता: माणिक्य रत्न पहनने से करियर और व्यवसाय में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।  यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि माणिक्य रत्न धारण करने से पहले, अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाएं और किसी ज्योतिषी से सलाह लें। 

लहसुनिया

लहसुनिया रत्न, जिसे कैट्स आई (Cat's Eye) भी कहा जाता है, एक शक्तिशाली रत्न है जो ज्योतिष में विशेष महत्व रखता है। यह केतु ग्रह से जुड़ा है और माना जाता है कि इसे पहनने से कई लाभ होते हैं।  लहसुनिया रत्न के फायदे: केतु ग्रह के दुष्प्रभावों को कम करता है: अगर आपकी कुंडली में केतु ग्रह अशुभ है, तो लहसुनिया रत्न इसे शांत करने और इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करता है.  नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है: यह रत्न बुरी नजर, नकारात्मक विचारों और दुष्ट आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करता है.  आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति बढ़ाता है: लहसुनिया रत्न पहनने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और मानसिक शक्ति मजबूत होती है, जिससे डर, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.  आर्थिक लाभ: यह रत्न धन और समृद्धि को आकर्षित करता है, व्यवसाय में सफलता दिलाता है और आर्थिक स्थिति में सुधार करता है.  आध्यात्मिक लाभ: लहसुनिया रत्न आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है, सांसारिक मोह माया से मुक्ति दिलाता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है.  शारीरिक लाभ: यह रत्न कुछ शारीरिक समस्याओं, जैसे सर्दी, निमोनिया, आंखों की समस्या, पाचन संबंधी समस्याएं, गुर्दे, अग्न्याशय और यकृत की समस्याओं में भी फायदेमंद माना जाता है.  धारण करने की विधि: लहसुनिया रत्न को शनिवार के दिन सुबह 6 से 8 बजे के बीच धारण करना शुभ माना जाता है। इसे चांदी या पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में पहनना चाहिए.  ध्यान दें: लहसुनिया रत्न धारण करने से पहले किसी অভিজ্ঞ ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह रत्न आपके लिए अनुकूल है या नहीं. 

गोमेद

गोमेद रत्न, जिसे हेसोनाइट भी कहा जाता है, ज्योतिष में राहु ग्रह का रत्न माना जाता है। यह रत्न मानसिक शांति, आत्मविश्वास, और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, गोमेद रत्न करियर, व्यापार, और वित्तीय स्थिरता में भी सफलता दिलाने में मदद करता है.  गोमेद रत्न के मुख्य फायदे: वित्तीय स्थिरता: यह रत्न आर्थिक स्थिरता और समृद्धि लाने में मदद करता है.  नेतृत्व क्षमता: गोमेद रत्न पहनने से नेतृत्व गुणों में वृद्धि होती है.  अन्य लाभ: गोमेद रत्न निर्णय लेने की क्षमता में सुधार, आत्म-जागरूकता, रचनात्मकता और संचार कौशल में भी सुधार लाता है.  मानसिक शांति और आत्मविश्वास: गोमेद रत्न पहनने से मानसिक शांति मिलती है, तनाव कम होता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है.  नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: यह रत्न नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी नजर से बचाने में मदद करता है.  स्वास्थ्य लाभ: गोमेद रत्न पाचन तंत्र को मजबूत करने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में सहायक माना जाता है.  करियर और व्यापार में सफलता: गोमेद रत्न पहनने से करियर में उन्नति और व्यवसाय में सफलता मिलने की संभावना बढ़ती है.  गोमेद रत्न किसे पहनना चाहिए? गोमेद रत्न आमतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिनकी कुंडली में राहु ग्रह कमजोर स्थिति में है या जो राहु के नकारात्मक प्रभावों का सामना कर रहे हैं. कुछ ज्योतिषियों के अनुसार, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि के जातकों के लिए गोमेद रत्न पहनना शुभ हो सकता है.  गोमेद रत्न पहनने से पहले, किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह रत्न आपके लिए उपयुक्त है या नहीं।  गोमेद रत्न के दुष्प्रभाव: यदि गोमेद रत्न किसी ऐसे व्यक्ति को पहनाया जाता है जो इसके लिए उपयुक्त नहीं है, तो यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कुछ संभावित दुष्प्रभावों में मानसिक अशांति, अनिद्रा, और व्यापार में नुकसान शामिल हैं.  गोमेद रत्न धारण करने की विधि: गोमेद रत्न को आमतौर पर चांदी की अंगूठी में जड़वाकर शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए. धारण करने से पहले, रत्न को गंगाजल, शहद और कच्चे दूध से शुद्ध करना चाहिए, और "ॐ रां राहवे नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए.  निष्कर्ष: गोमेद रत्न एक शक्तिशाली रत्न है जो कई लाभ प्रदान करता है। यदि आप राहु के नकारात्मक प्रभावों से बचना चाहते हैं या अपने जीवन में सफलता और समृद्धि चाहते हैं, तो गोमेद रत्न आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. हालांकि, किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही इसे धारण करना चाहिए. 

मून स्टोन

मूनस्टोन, जिसे चंद्रमणि भी कहा जाता है, एक लोकप्रिय रत्न है जो कई लाभों से जुड़ा है। यह भावनात्मक संतुलन, मानसिक शांति, और आध्यात्मिक विकास के लिए जाना जाता है।  मूनस्टोन के कुछ प्रमुख लाभ हैं: आध्यात्मिक विकास: मूनस्टोन अंतर्ज्ञान और मानसिक संवेदनशीलता को बढ़ाता है। यह आध्यात्मिक विकास और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देने में मदद करता है।  शारीरिक स्वास्थ्य: मूनस्टोन पाचन तंत्र, त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।  महिला स्वास्थ्य: मूनस्टोन महिलाओं में मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने और मासिक धर्म के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।  अन्य लाभ: मूनस्टोन आत्मविश्वास, निर्णय लेने की क्षमता और रचनात्मकता को भी बढ़ाता है।  भावनात्मक संतुलन: मूनस्टोन तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है। यह भावनाओं को शांत करने और भावनात्मक स्पष्टता को बढ़ावा देने में भी सहायक है।  मानसिक शांति: मूनस्टोन आंतरिक शांति और शांत मन को बढ़ावा देता है। यह ध्यान और आध्यात्मिक साधनाओं में भी सहायक है।  मूनस्टोन को विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि आभूषणों में पहनना, ध्यान के दौरान रखना, या पानी में डालकर पीना।  यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मूनस्टोन के लाभों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। 

ओपल

ओपल रत्न, जिसे "प्रेम और विलासिता का रत्न" भी कहा जाता है, कई ज्योतिषीय और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। यह रचनात्मकता, प्रेम, भावनात्मक उपचार, और समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए जाना जाता है। ओपल रत्न, शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और माना जाता है कि यह पहनने वाले के जीवन में प्रेम, खुशी और समृद्धि लाता है।  ओपल रत्न के कुछ मुख्य फायदे इस प्रकार हैं: सृजनात्मकता और कल्पनाशीलता को बढ़ावा देता है: ओपल रत्न रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को जगाने के लिए जाना जाता है, जिससे विचारों को स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होने में मदद मिलती है।  भावनात्मक उपचार: ओपल रत्न भावनात्मक संतुलन और स्थिरता प्रदान करने में सहायक होता है।  प्रेम और रिश्तों में सुधार: यह रत्न प्रेम, रोमांस और रिश्तों में सामंजस्य लाता है।  आध्यात्मिक विकास: ओपल रत्न अंतर्ज्ञान और आध्यात्मिक विकास को प्रेरित करता है।  आंखों के लिए फायदेमंद: ओपल रत्न आंखों की रोशनी में सुधार करने और आंखों से संबंधित समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है।  सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास: यह रत्न सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास को बढ़ाने में भी मदद करता है।  आर्थिक समृद्धि: कुछ लोगों का मानना है कि ओपल रत्न पहनने से आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है।  ओपल रत्न को आमतौर पर अंगूठी, लॉकेट, कंगन या झुमके में पहना जाता है। ज्योतिषीय और आध्यात्मिक उपायों में भी इसका उपयोग किया जाता है।  ओपल रत्न धारण करने से पहले, किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है, खासकर यदि आप इसे किसी विशेष राशि या लग्न के लिए धारण करने की सोच रहे हैं। 

जामुनिया/एमेथिस्ट

जामुनिया रत्न को हिंदी में "जमुनिया" या "कटेला" कहा जाता है, और अंग्रेजी में इसे "Amethyst" कहते हैं। यह एक खूबसूरत बैंगनी रंग का रत्न है जो क्वार्ट्ज क्रिस्टल का एक प्रकार है. यह रत्न ज्योतिष में शनि ग्रह से संबंधित माना जाता है और इसे शनि दोष से राहत पाने के लिए पहना जाता है.  जामुनिया रत्न के फायदे: शनि दोष से राहत: ज्योतिष में, जामुनिया रत्न शनि के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए पहना जाता है, खासकर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान.  मानसिक शांति: यह रत्न मानसिक शांति, एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है.  नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना: जामुनिया रत्न नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायक माना जाता है.  स्वास्थ्य लाभ: कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह रत्न प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, सिरदर्द कम करने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है.  करियर में सफलता: जामुनिया रत्न करियर में सफलता और काम पर ध्यान केंद्रित करने में भी सहायक माना जाता है.  जामुनिया रत्न को धारण करने के नियम:  शनिवार को धारण करें: जामुनिया रत्न को शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है. शनि मंत्र का जाप: रत्न को धारण करने से पहले, शनि के मंत्र (जैसे "ऊं शं शनैश्चराय नम:") का 108 बार जाप करना चाहिए. गंगाजल से शुद्ध करें: रत्न को धारण करने से पहले, इसे गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए. ज्योतिषी से सलाह लें: किसी भी रत्न को धारण करने से पहले, एक अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है

व्हाइट टोपाज़

सफेद टोपाज (White Topaz) एक रत्न है जिसे ज्योतिष में शुक्र ग्रह से संबंधित माना जाता है। यह रत्न भौतिक सुख, कला, प्रेम और सौंदर्य को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, सफेद टोपाज को धारण करने से मानसिक शांति मिलती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और रचनात्मकता में वृद्धि होती है।  सफेद टोपाज के मुख्य फायदे: शुक्र ग्रह को मजबूत करना: सफेद टोपाज शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाता है, जिससे भौतिक सुख, प्रेम, और सौंदर्य में वृद्धि होती है।  मानसिक शांति: यह रत्न नकारात्मक विचारों और अवसाद को दूर करके मानसिक शांति प्रदान करता है।  सृजनात्मकता: सफेद टोपाज रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देता है, जो कला, फैशन, और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।  विवाह और प्रेम संबंध: यह रत्न विवाह में सुख और प्रेम संबंधों में मधुरता लाता है।  स्वास्थ्य: सफेद टोपाज को प्रजनन अंगों, पाचन तंत्र, और हड्डियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।  नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: यह रत्न नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने में मदद करता है।  सफेद टोपाज किसे पहनना चाहिए: जिन लोगों को शुक्र ग्रह से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।  जो लोग कला, फैशन, या अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में काम करते हैं।  जो लोग मानसिक शांति और सकारात्मकता चाहते हैं।  जिन लोगों को विवाह और प्रेम संबंधों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।  सफेद टोपाज को कैसे धारण करें: सफेद टोपाज को आमतौर पर चांदी की अंगूठी में पहना जाता है। इसे शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सुबह के समय पहनना शुभ माना जाता है। पहनने से पहले, इसे गंगाजल या दूध से शुद्ध कर लें।  सफेद टोपाज के बारे में कुछ अतिरिक्त जानकारी: यह रत्न हीरे के विकल्प के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।  यह अत्यधिक टिकाऊ होता है और इसे दैनिक उपयोग के लिए पहना जा सकता है।  इसे आध्यात्मिक और आभूषण दोनों प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 

फिरोजा

फिरोजा, जिसे अंग्रेजी में "Turquoise" कहा जाता है, एक रत्न है जो नीले-हरे रंग का होता है. यह एक अर्ध-कीमती रत्न है और इसे अक्सर "दिसंबर का रत्न" माना जाता है. ज्योतिष में, फिरोजा को बृहस्पति ग्रह से जोड़ा जाता है और माना जाता है कि यह रत्न पहनने वाले के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाता है.  फिरोजा रत्न के बारे में कुछ और जानकारी: रंग: फिरोजा रत्न का रंग हल्का नीला से लेकर गहरा नीला-हरा तक हो सकता है.  ज्योतिष में महत्व: फिरोजा को बृहस्पति ग्रह का रत्न माना जाता है और यह सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और आर्थिक समृद्धि से जुड़ा है.  धारण करने के फायदे: फिरोजा रत्न पहनने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास, और जीवन में सफलता मिलती है.  धारण करने की विधि: फिरोजा रत्न को अंगूठी, ब्रेसलेट या लॉकेट के रूप में पहना जा सकता है.  धारण करने का शुभ दिन: गुरुवार और शुक्रवार को फिरोजा रत्न धारण करना शुभ माना जाता है.  धारण करने की उंगली: फिरोजा रत्न को अनामिका उंगली में पहनना चाहिए.  सावधानी: फिरोजा रत्न को साबुन के संपर्क में आने से बचाना चाहिए, क्योंकि इससे इसका रंग फीका पड़ सकता है. 

ग्रीन टॉरमेलाइन (Green Tourmaline)

ग्रीन टॉरमेलाइन को हिंदी में "हरी तुरमली" या "हरा टूमलाइन" कहते हैं। यह एक रत्न है जो हरे रंग का होता है और इसे ज्योतिष में बुध ग्रह से संबंधित माना जाता है।  ग्रीन टॉरमेलाइन के बारे में कुछ मुख्य बातें: रंग: हरा, जो बुध ग्रह का रंग माना जाता है।  गुण: इसे सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक स्पष्टता, और भावनात्मक संतुलन से जोड़ा जाता है।  उपयोग: ज्योतिष में, इसे बुध के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और शुभ फल प्रदान करने के लिए पहना जाता है।  धारण करने का तरीका: इसे दाएं हाथ की छोटी उंगली में शुक्ल पक्ष के बुधवार को दोपहर से पहले पहनना चाहिए।  अन्य नाम: इसे वर्डेलाइट भी कहा जाता है।  अन्य उपयोग: हीलिंग थेरेपी में भी इसका उपयोग किया जाता है।  संक्षेप में, ग्रीन टॉरमेलाइन एक हरे रंग का रत्न है जो बुध ग्रह से संबंधित है और इसे सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक स्पष्टता, और भावनात्मक संतुलन के लिए पहना जाता है।

सुलेमानी हकीक

सुलेमानी हकीक, जिसे अंग्रेजी में ब्लैक एगेट भी कहा जाता है, एक रत्न है जो सुरक्षात्मक और स्थिर गुणों के लिए जाना जाता है। यह रत्न नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर, और शारीरिक व मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। इसे धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।  सुलेमानी हकीक के फायदे: सुरक्षात्मक: सुलेमानी हकीक को एक सुरक्षात्मक रत्न माना जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और टोने-टोटके से बचाता है।  मानसिक शांति: यह रत्न मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव, चिंता और अनिद्रा को कम करने में मदद करता है।  आत्मविश्वास: सुलेमानी हकीक धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति अधिक सकारात्मक महसूस करता है।  निर्णय लेने की क्षमता: यह रत्न निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करता है और व्यक्ति को सही दिशा में मार्गदर्शन करता है।  सफलता: सुलेमानी हकीक को भाग्यशाली रत्न माना जाता है और यह व्यक्ति को विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।  ग्रहों के दोषों का निवारण: यह रत्न शनि, राहु और केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में भी सहायक है।  धारण करने की विधि: सुलेमानी हकीक को आमतौर पर शनिवार के दिन चांदी की अंगूठी में मध्यमा उंगली में धारण किया जाता है। इसे धारण करने से पहले गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से शुद्ध करना चाहिए। कुछ लोग इसे गले में लॉकेट के रूप में भी धारण करते हैं।  अन्य जानकारी: सुलेमानी हकीक काले रंग का रत्न होता है जिसमें सफेद धारियां होती हैं।  इसे अकीक या अगेट के नाम से भी जाना जाता है।  यह रत्न ज्योतिषीय परामर्श के अनुसार धारण करना शुभ माना जाता है।  सुलेमानी हकीक को प्राचीन काल से ही सुरक्षा और समृद्धि के लिए पहना जाता रहा है। 

नीली रत्न

नीली रत्न (Neeli Ratna) को हिंदी में नीलम (Neelam) कहा जाता है। यह एक रत्न है जो शनि ग्रह से संबंधित है और ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे नीलमणि, इंद्रनील, या नीला पुखराज जैसे नामों से भी जाना जाता है।  नीलम (नीली रत्न) के बारे में कुछ मुख्य बातें: शनि ग्रह का रत्न: नीलम को शनि ग्रह का रत्न माना जाता है और इसे शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के दौरान राहत पाने के लिए पहना जाता है।  धारण करने के फायदे: नीलम पहनने से आत्मविश्वास, मानसिक शांति, निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।  धारण करने की विधि: नीलम को आमतौर पर चांदी की अंगूठी में जड़वाकर शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद मध्यमा उंगली में पहना जाता है।  धारण करने से पहले सलाह: नीलम को धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करना चाहिए, खासकर यदि आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से प्रभावित हैं।  नीली (Neeli) उपरत्न है: नीली, नीलम का उपरत्न है, जो नीलम के समान ही प्रभाव डालता है।  नीलम (नीली) से जुड़े कुछ अन्य तथ्य: यह माना जाता है कि नीलम बहुत शक्तिशाली रत्न है और इसका प्रभाव 24 घंटे के भीतर दिखना शुरू हो सकता है।  कुछ लोगों का मानना है कि नीलम पहनने से रातोंरात रंक भी राजा बन सकता है, लेकिन यह सब व्यक्ति की कुंडली और ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है।  नीलम को धारण करने से पहले, इसे गंगाजल और दूध से शुद्ध करना चाहिए और "ॐ शं शनैश्चरायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।  नीलम को धारण करने के बाद, शनि ग्रह से संबंधित कुछ दान जैसे कि काले कपड़े, उड़द दाल, या सरसों का तेल मंदिर में देना शुभ माना जाता है।

सुनेला

सुनेला रत्न, जिसे सिट्रीन (Citrine) भी कहा जाता है, एक पीला या सुनहरा रंग का रत्न है जो पुखराज का उपरत्न माना जाता है। यह रत्न ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह से संबंधित है और इसे धारण करने से मानसिक शांति, समृद्धि, और भाग्य में वृद्धि होती है।  सुनेला रत्न के फायदे: मानसिक शांति और समृद्धि: सुनेला रत्न धारण करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में समृद्धि आती है।  धन लाभ: यह रत्न धन और मान-सम्मान में वृद्धि करने में सहायक माना जाता है।  बृहस्पति ग्रह के दोषों को कम करना: ज्योतिष के अनुसार, सुनेला रत्न बृहस्पति ग्रह से संबंधित दोषों को कम करने में मदद करता है।  सफलता: यह रत्न करियर और व्यापार में सफलता दिलाने में भी सहायक होता है।  अन्य लाभ: सुनेला रत्न पाचन स्वास्थ्य में सुधार, शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने, और चयापचय को संतुलित करने में भी मदद करता है, according to Vedic Crystals.  सुनेला रत्न किसे धारण करना चाहिए: व्यापारी और व्यवसायी जो अपने व्यापार में वृद्धि चाहते हैं। विद्यार्थी जो पढ़ाई में सफलता पाना चाहते हैं। नौकरीपेशा व्यक्ति जो करियर में ग्रोथ चाहते हैं। धनु और मीन राशि के जातक। जिन लोगों की शादी में देरी हो रही है।  सुनेला रत्न धारण करने की विधि: सुनेला रत्न को गुरुवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। धारण करने से पहले, रत्न को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें। फिर, इसे सोने या पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर धारण करें। धारण करते समय "ऊं ग्रां ग्रीं ग्रूं गुरुवे नमः" मंत्र का जाप करें।  सुनेला रत्न के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें: सुनेला रत्न पुखराज का उपरत्न है, इसलिए इसे पुखराज के विकल्प के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।  यह रत्न पीले रंग का होता है और इसे "गोल्डन टोपाज़" भी कहा जाता है।  सुनेला रत्न को धारण करने से पहले, किसी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है। 

टाइगर्स आई

टाइगर आई रत्न (Tiger's Eye Gemstone) को हिंदी में "बाघ-नेत्र" या "बाघ मणि" भी कहा जाता है। यह एक आकर्षक रत्न है जो क्वार्ट्ज का एक प्रकार है, और इसमें सुनहरे, भूरे और काले रंग की धारियाँ होती हैं, जो बाघ की आंख से मिलती जुलती हैं।  टाइगर आई रत्न के लाभ: आत्मविश्वास और साहस: यह रत्न आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाता है, और नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद करता है।  एकाग्रता और ध्यान: यह रत्न एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, जो छात्रों और काम करने वाले लोगों के लिए उपयोगी है।  सकारात्मकता और समृद्धि: टाइगर आई रत्न सकारात्मकता को आकर्षित करता है और धन और समृद्धि को बढ़ावा देता है।  सुरक्षात्मक: इसे एक सुरक्षात्मक रत्न माना जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाता है।  शारीरिक स्वास्थ्य: यह रत्न शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है।  किस राशि के लिए उपयुक्त: सिंह और मकर राशि के जातकों के लिए यह रत्न विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। अन्य राशियाँ जो इसे धारण कर सकती हैं, उनमें मेष, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कन्या और मीन शामिल हैं।  धारण करने की विधि: इसे शुक्ल पक्ष में रविवार के दिन सूर्योदय के समय दाएं हाथ की अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए। किसी ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद ही इसे धारण करना उचित है।  अन्य उपयोग: टाइगर आई रत्न का उपयोग आभूषणों, जैसे कि अंगूठियां, कंगन और पेंडेंट बनाने में किया जाता है। इसे घर या कार्यस्थल में सजावट के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

सफेद मूंगा

टाइगर आई रत्न, जिसे हिंदी में "बाघ का नयन" या "टाइगर आई" कहा जाता है, एक आकर्षक अर्ध-कीमती रत्न है जो क्वार्ट्ज का एक प्रकार है. इसमें सुनहरी और भूरी धारियां होती हैं, जो बाघ की खाल से मिलती जुलती हैं. यह रत्न आत्मविश्वास, साहस और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए जाना जाता है.  टाइगर आई रत्न के लाभ: आत्मविश्वास और साहस: यह रत्न आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो डर या आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं.  सकारात्मकता और सुरक्षा: टाइगर आई नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता को आकर्षित करने में मदद करता है.  एकाग्रता और फोकस: यह रत्न एकाग्रता और फोकस में सुधार करने में भी मदद करता है.  वित्तीय लाभ: कुछ लोगों का मानना ​​है कि यह रत्न धन और समृद्धि को आकर्षित करता है.  स्वास्थ्य लाभ: टाइगर आई रत्न शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है.  राहु के दुष्प्रभावों से बचाव: वैदिक ज्योतिष में, टाइगर आई रत्न को केतु ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है, और इसे राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए पहना जा सकता है.  धारण विधि: राशि: मकर और सिंह राशि के जातकों के लिए यह रत्न विशेष रूप से शुभ माना जाता है.  दिन: इसे शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले रविवार को सूर्योदय के समय धारण करना शुभ माना जाता है.  अंगुली: इसे दाएं हाथ की अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए.  विधि: रत्न को गंगाजल और कच्चे दूध में डुबोकर शुद्ध करने के बाद, "ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं त्रि शक्ति देव्यै नमः" मंत्र का जाप करते हुए धारण करना चाहिए अन्य उपयोग: आभूषण: टाइगर आई रत्न का उपयोग हार, अंगूठियां, कंगन आदि जैसे आभूषणों में किया जाता है. सजावट: इसका उपयोग सजावटी वस्तुओं, जैसे कि मूर्तियां और अन्य कलाकृतियों में भी किया जाता है.  महत्वपूर्ण नोट: ज्योतिषी से सलाह: किसी भी रत्न को धारण करने से पहले, किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है.  असली रत्न: असली टाइगर आई रत्न में एक चमकदार, रेशमी चमक होती है और यह क्वार्ट्ज का एक रूपांतरित रूप है. 

लापीस लाजुली

लापीस लाजुली रत्न को हिंदी में लाजवर्द या राजावर्त कहा जाता है। यह एक लोकप्रिय नीले रंग का रत्न है जो प्राचीन काल से आभूषणों और कलाकृतियों में इस्तेमाल होता आ रहा है.  अधिक जानकारी: नाम: लाजवर्द (Lajvard) या राजावर्त (Rajavarta).  रंग: गहरा नीला, जिसमें सोने जैसे धब्बे (पाइराइट) हो सकते हैं.  खनिज: लापीस लाजुली कई खनिजों का मिश्रण है, जिसमें लाजुराइट (Lazurite) मुख्य रूप से नीले रंग के लिए जिम्मेदार है, और पाइराइट (Pyrite) सोने जैसे धब्बे प्रदान करता है.  उपयोग: प्राचीन काल से आभूषण, कलाकृतियाँ, और रंगद्रव्य (जैसे अल्ट्रामरीन) बनाने के लिए उपयोग किया जाता रहा है.  ज्योतिष में महत्व: कुछ ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, लाजवर्द रत्न शनि ग्रह से संबंधित है और इसे धारण करने से शनि, राहु और केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है.  लाभ: माना जाता है कि यह रत्न आत्मविश्वास, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, साथ ही अवसाद और तनाव को कम करने में भी मदद करता है.