✡ सुनेला ✡

सुनेला

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सुनेला रत्न, जिसे सिट्रीन (Citrine) भी कहा जाता है, एक पीला या सुनहरा रंग का रत्न है जो पुखराज का उपरत्न माना जाता है। यह रत्न ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह से संबंधित है और इसे धारण करने से मानसिक शांति, समृद्धि, और भाग्य में वृद्धि होती है। 

सुनेला रत्न के फायदे:

  • मानसिक शांति और समृद्धि:

    सुनेला रत्न धारण करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में समृद्धि आती है। 

  • धन लाभ:

    यह रत्न धन और मान-सम्मान में वृद्धि करने में सहायक माना जाता है। 

  • बृहस्पति ग्रह के दोषों को कम करना:

    ज्योतिष के अनुसार, सुनेला रत्न बृहस्पति ग्रह से संबंधित दोषों को कम करने में मदद करता है। 

  • सफलता:

    यह रत्न करियर और व्यापार में सफलता दिलाने में भी सहायक होता है। 

  • अन्य लाभ:

    सुनेला रत्न पाचन स्वास्थ्य में सुधार, शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने, और चयापचय को संतुलित करने में भी मदद करता है, according to Vedic Crystals. 

सुनेला रत्न किसे धारण करना चाहिए:

  • व्यापारी और व्यवसायी जो अपने व्यापार में वृद्धि चाहते हैं।
  • विद्यार्थी जो पढ़ाई में सफलता पाना चाहते हैं।
  • नौकरीपेशा व्यक्ति जो करियर में ग्रोथ चाहते हैं।
  • धनु और मीन राशि के जातक।
  • जिन लोगों की शादी में देरी हो रही है। 

सुनेला रत्न धारण करने की विधि:

  • सुनेला रत्न को गुरुवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है।
  • धारण करने से पहले, रत्न को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें।
  • फिर, इसे सोने या पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर धारण करें।
  • धारण करते समय "ऊं ग्रां ग्रीं ग्रूं गुरुवे नमः" मंत्र का जाप करें। 

सुनेला रत्न के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • सुनेला रत्न पुखराज का उपरत्न है, इसलिए इसे पुखराज के विकल्प के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 
  • यह रत्न पीले रंग का होता है और इसे "गोल्डन टोपाज़" भी कहा जाता है। 
  • सुनेला रत्न को धारण करने से पहले, किसी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है।