✡ धतूरे की जड़ ✡

धतूरे की जड़

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धतूरे की जड़ के कई फायदे हैं, जिनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण शामिल हैं, जो संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं। यह दर्द निवारक और ऐंठन-रोधी के रूप में भी काम करता है। धतूरे की जड़ का उपयोग विभिन्न बीमारियों जैसे अस्थमा, खांसी, बुखार, सूजन, नसों के दर्द, और पागल कुत्तों के काटने के लिए किया जाता है। 

धतूरे की जड़ के कुछ विशिष्ट फायदे:

  • श्वास संबंधी समस्याओं में राहत:

    धतूरे के पत्तों का धुआं दमा में फायदेमंद होता है। 

  • मिर्गी में आराम:

    धतूरे की जड़ की सुगंध मिर्गी को शांत करने में मदद कर सकती है। 

  • अन्य उपयोग:

    धतूरे की जड़ का उपयोग पागल कुत्तों के काटने, अल्सर, गुर्दे की बीमारी, और पथरी में भी किया जाता है। 

  • संक्रमणों से लड़ना:

    धतूरे की जड़ में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं। 

  • दर्द से राहत:

    इसे एनोडीन (दर्द निवारक) और एंटीस्पास्मोडिक (ऐंठन-रोधी) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 

  • सूजन कम करना:

    बाहरी रूप से लगाने पर, धतूरे की जड़ सूजन और संक्रमण को कम करने में मदद करती है। 

धतूरे के उपयोग में सावधानी: 

धतूरा एक जहरीला पौधा है, इसलिए इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, गलत तरीके से सेवन करने पर यह मतिभ्रम, उल्टी, हृदय गति में गड़बड़ी और गंभीर मामलों में मौत का कारण भी बन सकता है। इसलिए, धतूरे का उपयोग केवल आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या डॉक्टर की देखरेख में ही करना चाहिए।