✡ लटजीरा (अपामार्ग) की जड़ ✡

लटजीरा (अपामार्ग) की जड़

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लटजीरा (अपामार्ग) की जड़ के कई फायदे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं: यह किडनी और कुष्ठ रोगों में लाभदायक है, बवासीर, हैजा और दस्त के लिए फायदेमंद है, और भूख-प्यास को कम करने में मदद कर सकती है. इसके अतिरिक्त, इसकी जड़ का उपयोग त्वचा रोगों में घाव पर छिड़काव के लिए भी किया जाता है 

लटजीरा की जड़ के फायदे: 

  • बवासीर, हैजा और दस्त:

    लटजीरा की जड़ का उपयोग बवासीर, हैजा और दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याओं के लिए भी किया जाता है. 

  • भूख और प्यास:

    लटजीरा की जड़ को भूख और प्यास को कम करने के लिए जाना जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अत्यधिक भूख या प्यास से पीड़ित हैं (भस्मक रोग) according to Jagran. 

  • त्वचा रोग:

    लटजीरा की जड़ का चूर्ण त्वचा रोगों में घाव पर छिड़काव के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे घाव जल्दी ठीक होते हैं according to Dabur. 

  • खांसी:

    लटजीरा की जड़ को पानी में उबालकर पीने से खांसी और कफ से राहत मिलती है. 

  • गुर्दे और कुष्ठ रोग:

    लटजीरा की जड़ को किडनी और कुष्ठ रोगों के इलाज में उपयोगी माना जाता है. 

अन्य उपयोग:

  • दांतों और मसूड़ों के रोग:

    लटजीरा की दातून करने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं और मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाता है

  • सर्प दंश और बिच्छू का डंक:

    लटजीरा की जड़ का उपयोग सर्प दंश और बिच्छू के डंक के जहर को कम करने के लिए किया जाता है according to Jagran. 

सावधानी:

किसी भी जड़ी-बूटी का उपयोग करने से पहले, विशेष रूप से यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं या गर्भवती हैं, तो एक अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना हमेशा उचित होता है.