✡ गूलर की जड़ ✡

गूलर की जड़

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गूलर की जड़ के कई फायदे बताए गए हैं, जिनमें ज्योतिषीय और स्वास्थ्य संबंधी लाभ शामिल हैं। ज्योतिष में, गूलर की जड़ को शुक्र ग्रह से जोड़ा जाता है और इसे धारण करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता, भौतिक सुखों की प्राप्ति, और धन-ऐश्वर्य में वृद्धि हो सकती है। इसके अतिरिक्त, गूलर की जड़ को कुछ स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे गर्भपात और बवासीर में भी फायदेमंद माना जाता है। 

गूलर की जड़ के फायदे:

  • स्वास्थ्य लाभ:

    • गर्भपात को रोकने में सहायक: गूलर की जड़ का काढ़ा या कोंपलों को दूध के साथ सेवन करने से गर्भपात को रोकने में मदद मिल सकती है। 
    • बवासीर में फायदेमंद: गूलर के दूध को पानी में मिलाकर पीने से बवासीर में राहत मिल सकती है। 
    • पाचन में सहायक: गूलर पाचन क्षमता को बढ़ाता है और कब्ज, पेट दर्द, गैस और डायरिया से बचाता है। 
    • घाव भरने में सहायक: गूलर के दूध में रूई को भिगोकर घाव पर रखने से घाव ठीक हो सकता है। 
    • अन्य स्वास्थ्य लाभ: गूलर का उपयोग कैंसर, अल्सर, निमोनिया, और पित्त-विकार जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद माना जाता है। 
  • ज्योतिषीय लाभ:

    • धन-ऐश्वर्य में वृद्धि: शुक्र ग्रह को धन, वैभव और लग्जरी का कारक माना जाता है, इसलिए गूलर की जड़ को धारण करने से धन-संपत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति हो सकती है। 
    • कला, मीडिया, फिल्म और फैशन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए शुभ: गूलर की जड़ को कला, मीडिया, फिल्म या फैशन से जुड़े लोगों के लिए शुभ माना जाता है, और इसे धारण करने से उन्हें लाभ हो सकता है। 
    • शुक्र ग्रह को मजबूत करना: गूलर की जड़ को शुक्र ग्रह से संबंधित माना जाता है, और इसे धारण करने से शुक्र ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। 
    • वैवाहिक जीवन में मधुरता: गूलर की जड़ को हाथ में बांधने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आ सकती है और प्रेम संबंधों में सुधार हो सकता है। 
    • भौतिक सुखों की प्राप्ति: गूलर की जड़ को धारण करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है, और सुख-सुविधाओं में वृद्धि हो सकती है। 

गूलर की जड़ धारण करने की विधि:

  • शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को:

    गूलर की जड़ को शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को निकालें। 

  • गंगाजल से धोकर पवित्र करें:

    जड़ को गंगाजल से धोकर पवित्र करें। 

  • चांदी के ताबीज में रखें:

    जड़ को चांदी के ताबीज में डालकर धारण करें। 

  • शुक्र देव के मंत्र का जाप करें:

    धारण करने से पहले, शुक्र देव के मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ध्यान दें:

  • गूलर की जड़ को धारण करने से पहले, किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होगा। 
  • गूलर के स्वास्थ्य संबंधी लाभों के लिए, किसी चिकित्सक से सलाह लेना उचित होगा।