✡ बड़ (बरगद) वृक्ष की जड़ ✡

बड़ (बरगद) वृक्ष की जड़

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बड़ (बरगद) वृक्ष की जड़ों के कई फायदे हैं, जिनमें औषधीय गुण और पर्यावरण संबंधी लाभ शामिल हैं। यह मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया और त्वचा रोगों जैसी बीमारियों में लाभकारी हो सकता है। जड़ों का काढ़ा पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और कब्ज से राहत देने में भी मदद करता है। इसके अतिरिक्त, बड़ के पेड़ की जड़ें मिट्टी को बांधकर रखती हैं, जिससे कटाव कम होता है और वन्यजीवों के लिए आवास प्रदान होता है। 

औषधीय उपयोग:

• पाचन संबंधी समस्याएं:बड़ की जड़ का काढ़ा पाचन में सुधार करता है और कब्ज से राहत देता है। 

• त्वचा रोग:जड़ों का लेप फोड़े-फुंसी, दाने और खुजली जैसी त्वचा की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। 

• दांतों की सड़न:जड़ों को चबाने से मसूड़ों की बीमारी और दांतों की सड़न को रोकने में मदद मिलती है। 

• जोड़ों का दर्द:जड़ों का लेप जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। 

• मधुमेह:बरगद की जड़ें मधुमेह के प्रबंधन में उपयोगी हो सकती हैं। 

• उच्च रक्तचाप:बड़ की जड़ें उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकती हैं। 

पर्यावरण संबंधी लाभ:

• मिट्टी का कटाव:बड़ के पेड़ की जड़ें मिट्टी को बांधकर रखती हैं, जिससे कटाव कम होता है।

• जल संरक्षण:पेड़ अपनी जड़ों के माध्यम से पानी को अवशोषित करते हैं और वाष्पोत्सर्जन के माध्यम से इसे वापस वातावरण में छोड़ते हैं, जिससे जल चक्र में मदद मिलती है।

• वन्यजीवों के लिए आवास:बड़ के पेड़, अपनी जड़ों और शाखाओं के साथ, वन्यजीवों के लिए आवास और आश्रय प्रदान करते हैं। 

अन्य उपयोग:

• धार्मिक महत्व:बरगद के पेड़ को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और इसका धार्मिक महत्व है। 

• वास्तु:बरगद के पेड़ को वास्तु शास्त्र में भी महत्वपूर्ण माना जाता है। 

सावधानी:

• बड़ के पेड़ की जड़ों का उपयोग करने से पहले, एक अनुभवी चिकित्सक या वैद्य से सलाह लेना उचित है, खासकर यदि आप किसी विशेष बीमारी के लिए इसका उपयोग करना चाहते हैं। 

• कुछ लोगों को बरगद के पेड़ के कुछ हिस्सों से एलर्जी हो सकती है।