श्रापित दोष निवारण पूजा, ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य कुंडली में मौजूद श्रापित दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करना या समाप्त करना है। यह पूजा शनि और राहु ग्रहों के संयोजन के कारण होने वाले दोष को दूर करने के लिए की जाती है, जो जीवन में कई तरह की कठिनाइयों का कारण बन सकता है।
श्रापित दोष क्या है?
श्रापित दोष, जैसा कि नाम से पता चलता है, किसी व्यक्ति को पूर्व जन्मों के कर्मों या किसी के द्वारा दिए गए श्राप के कारण हो सकता है। कुंडली में, यह दोष तब बनता है जब शनि और राहु ग्रह एक ही भाव में स्थित होते हैं।
श्रापित दोष के प्रभाव:
श्रापित दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें शामिल हैं:
श्रापित दोष निवारण पूजा के उपाय:
श्रापित दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए, निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
शनि और राहु के बीज मंत्रों का जाप:
108 बार शनि और राहु के बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए।
भगवान शिव, हनुमान और राम की पूजा:
भगवान शिव, हनुमान और राम की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।
दान और पुण्य कार्य:
जरूरतमंदों की मदद करना, कन्यादान करना, या किसी भी प्रकार का दान करना भी सहायक हो सकता है।
व्रत और उपासना:
कुछ विशेष दिनों पर व्रत रखना और विशेष पूजा-अर्चना करना भी शापित दोष को कम करने में मदद कर सकता है।
रत्न धारण:
कुछ मामलों में, ज्योतिषीय सलाह के अनुसार रत्न धारण करना भी सहायक हो सकता है।
यंत्रों का प्रयोग:
शनि-राहु श्रापित दोष निवारण यंत्र का प्रयोग भी किया जा सकता है।
विशेषज्ञ सलाह:
श्रापित दोष निवारण पूजा एक जटिल प्रक्रिया है, और किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है। ज्योतिषी आपकी कुंडली का विश्लेषण करके, दोष के कारण, और सबसे उपयुक्त उपाय बता सकते हैं।
अन्य उपाय:
महामृत्युंजय मंत्र का जाप:
प्रतिदिन 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी एक प्रभावी उपाय हो सकता है।
शनिवार को पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना:
शनिवार को पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना और दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है।
गाय और मछलियों को भोजन कराना:
शनिवार को गाय और मछलियों को शुद्ध घी से बने चावल खिलाना भी शुभ होता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सभी उपाय केवल सलाह हैं, और किसी भी उपाय को करने से पहले, किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना आवश्यक है।