हरिवंश पुराण पुत्र प्राप्ति के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ माना जाता है। इसका पाठ और श्रवण संतान की प्राप्ति और अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शुभ माना जाता है। राजा दशरथ ने भी पुत्र प्राप्ति के लिए हरिवंश पुराण का पाठ सुना था। हरिवंश पुराण में भगवान विष्णु के कृष्ण के रूप में अवतार का वर्णन है, जिसमें कंस से लेकर कृष्ण के जन्म और बाल लीलाओं का वर्णन है।
हरिवंश पुराण का पाठ और श्रवण क्यों महत्वपूर्ण है?
पुत्र प्राप्ति:
हरिवंश पुराण का पाठ और श्रवण संतान प्राप्ति की कामना के लिए किया जाता है।
मनोकामना पूर्ति:
मान्यता है कि हरिवंश पुराण का पाठ और श्रवण करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
भगवान कृष्ण की कृपा:
हरिवंश पुराण में भगवान कृष्ण के जीवन का वर्णन है, जिसके कारण इसका पाठ करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
पापों का नाश:
हरिवंश पुराण का पाठ और श्रवण करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
शुभता:
हरिवंश पुराण का पाठ और श्रवण शुभ माना जाता है और इससे जीवन में सुख-शांति आती है।
हरिवंश पुराण का पाठ कैसे करें?
सुबह स्नान करके सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
लड्डू गोपाल जी को स्नान कराएं और तुलसी पत्र चढ़ाएं।
हरिवंश पुराण का पाठ करें या सुनें।
ओम नमो भगवते वासुदेवाय या संतान गोपाल मंत्र का जाप करें।
श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करें।
कुछ अतिरिक्त जानकारी:
हरिवंश पुराण को अधिक मास में भी सुना जा सकता है, जो पुत्र प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।
जन्माष्टमी के दिन भी हरिवंश पुराण का पाठ करना शुभ माना जाता है।
कुछ लोग हरिवंश पुराण का पाठ पंडित से भी करवाते हैं।
यह पुराण 3 पर्वों में विभाजित है: हरिवंश पर्व, विष्णुपर्व और भविष्यपर्व।