नव चंडी पाठ, जिसे नवचंडी यज्ञ या नवचंडी पूजा भी कहा जाता है, देवी दुर्गा को समर्पित एक विस्तृत और शक्तिशाली अनुष्ठान है। यह मुख्य रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है, और दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों का पाठ इसमें शामिल होता है।
नव चंडी पाठ के मुख्य पहलू:
यज्ञ:
नवचंडी यज्ञ में अग्नि में आहुति दी जाती है, जिसमें विभिन्न प्रकार की सामग्री जैसे कि धूप, जौ, नारियल, घी, आदि का उपयोग किया जाता है।
मंत्र:
नवचंडी पाठ में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप किया जाता है, और कुछ विशेष मंत्रों का उपयोग विशेष उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
लाभ:
नवचंडी पाठ और यज्ञ को आध्यात्मिक लाभों से जोड़ा जाता है, जैसे कि ग्रहों के दोषों को दूर करना, पापों का नाश करना, और मन की शांति प्राप्त करना।
दुर्गा सप्तशती:
यह पाठ देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों और उनकी शक्तियों का वर्णन करता है, जिसमें अच्छे और बुरे के बीच संघर्ष का वर्णन है।
नवरात्रि:
नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, और नवचंडी पाठ को एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है।
नव चंडी पाठ एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें विशेषज्ञ पंडितों या पुजारियों की आवश्यकता होती है, और इसे आमतौर पर एक पवित्र स्थान या मंदिर में आयोजित किया जाता है।