मां बगलामुखी की पूजा, अनुष्ठान और साधना एक शक्तिशाली धार्मिक प्रक्रिया है जो शत्रुओं पर विजय, सुरक्षा और स्थायित्व प्रदान करने के लिए की जाती है। यह साधना देवी बगलामुखी को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है, जो 'स्तंभन' (स्थिरता) की देवी मानी जाती हैं।
पूजा विधि:
1. तैयारी:
2. पूजा:
3. अनुष्ठान:
4. साधना:
5. दान:
मंत्र:
मूल मंत्र:
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।
ध्यान मंत्र:
सौवर्णासन संस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लासिनीम् । हेमाभाङ्ग रुचिं शशाङ्कमुकुटां सच्चम्पक प्रयुताम् ॥ हस्तैर्मुद्गर पाश वज्र रसनाः संविभ्रतीं भूषणैः । व्याप्ताङ्गीं बगलामुखीं त्रिजगतां संस्तम्भिनीं चिन्तयेत् ॥
महत्व:
ध्यान रखने योग्य बातें:
यह जानकारी सामान्य है, और किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या साधना को शुरू करने से पहले, किसी योग्य गुरु या पंडित से सलाह लेना उचित है।